डेराबस्सी के हैबतपुर गांव के निवासी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं
Residents of Haibatpur village in Derabassi are Protesting
(जसबीर सिंह)डेराबस्सी: Residents of Haibatpur village in Derabassi are Protesting: मुबारिकपुर के 66 केवी सब स्टेशन को 220 केवी में अपग्रेड करने के लिए सैदपुरा से मुबारिपुर के बीच हाइवे वोल्टेज लाइन के बिजली टावर्स का हैबतपुर में फिर विरोध हो गया है। हैबतपुर की जमीन में तीन बड़े टावर लगने है जिसमें मुआवजे को लेकर बात फिर बिगड़ गई और काम फिर रोक दिया गया। पुलिस चौकी में बिजली विभाग व विरोधकर्ताओं के बीच आपसी समझौता साइन करने के बावजूद नामंजूर कर दिया गया । दरअसल, विरोधकर्ता जमीन का मुआवजा मार्केट रेट पर मांग रहे हैं जबकि विभाग कलेक्टर रेट पर ही तैयार है।
तीन टावर्स हैबतपुर में वकफ बोर्ड द्वारा दी गई जमीन में लगने हैं परंतु जिसे मुमताज अली अपने साथियों के साथ बतौर काश्तकार खेती के लिए इस्तेमाल कर रहा है। रविवार को पोकलेप लगा काम शुरु करने की कोशिश की गई परंतु मुमताज समेत ग्रामीणों ने यह काम फिर रोक दिया गया। टावर लगने से आसपास की जमीन की खेती व उसकी वैल्यू बुरी तरह प्रभावित होने के डर से बीते छह महीने से विराेध जारी है। जमीन वालों के समर्थन में ग्रामीण भी हैं जो काम शुरु करने से मार्केट रेट पर उचित मुआवजे अदा करने की मांग कर रहे हैं। बिजली विभाग ने जबरन काम रोकने वालों के खिलाफ रविवार को ही पुलिस चौकी में शिकायत दे दी। सरकारी काम में विध्न डालने के आरोप में विभाग ने जमीन के गैर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा। अगले दिन चौकी बुलाने पर दोनों पक्षो में आपसी सहमति बन गई। दोनों पक्षों ने लिखित समझौते पर साइन भी कर दिए परंतु कुछ देर बाद ग्रामीणों ने यह कहते हुए खुद ही नकार दिया कि इसमें मार्केट रेट के मुआवजे का लिखित आश्वासन नहीं है।
बिजली विभाग के एसडीओ अमृतपाल ने बताया कि काम वे रोक रहे हैं जिनकी टावर के साथ जमीन भी नहीं लगती। इस बारे शिकायत के बाद पुलिस चौकी में आपसी सहमित व लिखित समझौता हो गया था परंतु समझौता करने वाले बाद में इस बात पर अड़ गए कि जमीन का मुआवजा कलेक्टर रेट की बजाय मार्केट रेट पर दिया जाए। हालांकि काश्तकार को क्रॉप कंपेनसेशन भी अदा करने का भरोसा दिया गया। मार्केट कंपेनसेशन डीसी के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने समझौता अस्वीकार की बात उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी है। बहरहाल, काम बंद रखा हुआ है।